जिंदगी प्यार का गीत है,इसे हर दिल को गाना पड़ेगा.
जिंदगी मतलब लाइफ......लाइफ क्या है,एक लेंस!!वैसे लाइफ सिर्फ लेंस ही है,ऐसा कहना सही नहीं है....एक महाशय थे,उनका मानना था कि लाइफ रोमांस है,अब इससे भी कोई इनकार नहीं कर सकता.इसके अलावे भी लाइफ की तुलना बहुत सारी चीजों से की जा सकती है,जैसे जिंदगी एक सफ़र है सुहाना...या फिर जिंदगी हर कदम एक नयी जंग है.दोनो अर्थ में परस्पर विरोधी भले ही हैं,लेकिन दोनो ही सुनने में अच्छे लगते हैं.
वैसे हिंदी गानों की हमेशा से आलोचना होती रही है,जमाने के साथ लोगों का स्वाद भी बदलता रहता है,लेकिन जहां तक जिंदगी की वास्तविकता से रु-ब-रु कराने की बात हो तो कुछ गाने ऐसे हैं,जो कालजयी से प्रतीत होते हैं,जैसे 'कोई लाख करे चतुराई,करम का लेख मिटे ना रे भाई','छल और कपट के हाथों अपना बेच रहा ईमान,कितना बदल गया इंसान'.गीतकार कवि प्रदीप जी वास्तव में भारत रत्न के सच्चे हकदार थे भी.खैर उनकी वाजिब प्रशंसा कर सकूँ इस लायक गंभीरता मेरे लेखन में नहीं है. ..
चलिए फिर हिंदी गानों पर आगे बढ़ते हैं,जिंदगी से जुड़े या फिर मनुष्य के मनोभावों को बारीकियों से उकेरने की बात हो तो ये गाने जिंदगी को एक दार्शनिक की नजर से प्रस्तुत करते से लगते हैं और एक अलग सा प्रश्न,एक अलग कोण से जिंदगी को देखने,समझने का नजरिया इन गानों के जरिये बिना पोथी पढ़े भी लोगों में आ जाता है..
..जिंदगी शब्द के साथ कुछ गानों पर ध्यान दीजिये और आप पाएंगे कि पैसे कमाने के लिए बदनाम हिंदी सिने जगत के गीतकार भी किसी फटेहाल क्रांतिकारी महान कवि से कोई सैकड़ों प्रकाश वर्ष पीछे नहीं हैं.
आजकल वाहियात गाने हिट होने लगे हैं.हाँ निश्चित रूप से ऐसे गाने तो पहले भी आते थे,लेकिन आजकल ये हिट भी होने लगे हैं,इसका सीधा मतलब यह है कि वाहियात संगीत के शौकीनों की तादाद बढ़ गयी है.और बाजारवाद से तो हमारी सरकार भी प्रभावित होने से नहीं बच पाती,बेचारा हिंदी सिने जगत कौन सा अकेला कुसूरवार है,लेकिन बेहतरीन गाने आज भी आते हैं,भले ही उन्हें वो पब्लिसिटी नहीं मिलती जो वाहियात दर्जे की पसंद की गयी घटिया गाने का कोई मुकाबला कर सके.लेकिन बेहतरीन हिंदी गानों का श्रोता वर्ग आज भी इन्हें बड़े करीने से सुनता है.ऐसे गाने पार्टी में भले ही समां नहीं बांधेंगे लेकिन अकेलेपन में उनका कोई जवाब भी नहीं है.
अतः यह जानते हुए भी कि गंभीर गानों के जरिये कमाई कम ही होगी,फिर भी लिखना कोई मामूली चीज नहीं है.बॉलीवुड का ही एक और गाना है नये जमाने का अल्लाह के बंदे हँस दे,जो भी हो कल फिर आएगा.