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Monday, July 2, 2012

भारतीय रेल:मजे हैं

अभी पिछले दिनों मुझे फिर एक बार ट्रेन की यात्रा करनी पड़ी...परीक्षा के सिलसिले में बनारस जाना था...वैसे मेरा एक मित्र कहता है कि जब तक आप परीक्षाएं दे रहे हैं अर्थात बेरोजगार हैं, तब तक आप आरक्षित श्रेणी में आते हैं,अतः परीक्षा देते जाते समय छोटी दूरी के लिए टिकट नहीं कटाना चाहिए,इस विचार के समर्थक भी भारी मात्रा में हैं,लेकिन मेरा यह मानना है कि अगर पर्याप्त समय हो तब टिकेट अवश्य कटा लेना चाहिए,हाँ अगर वास्तव में समय की कमी है तो परीक्षा का समय ध्यान में रखते हुए बिना टिकेट यात्रा देकर जुर्माना भरने में भी कोई हर्ज नहीं है.
वैसे आम तौर पर मेरा यह मानना है कि परीक्षार्थियों को ट्रेन में टिकेट चेकर ज्यादा तंग भी नहीं करते हैं,ऐसा मैं अपने अनुभव के आधार पर भी कह सकता हूँ.आखिर टिकट चेकर भी कोई जन्मजात टिकट चेकर नहीं बन जाता,छात्रों की समस्या से वो भी बखूबी वाकिफ रहता है.अब जैसे एक बार मेरे एक परिचित बिना टिकट लिए ट्रेन से चले आ रहे थे,तब तक टिकट चेकर आये और सब किसी का टिकट चेक करने लगे.अब इन्होने टिकट तो लिया नहीं था,अतः उन्होंने अपनी पुस्तक निकाली और वही पढना शुरू कर दिया,ऐसी मुद्रा में आ गए मान लो किताब में खो से गए हो...टिकट चेकर उनको देखकर बोला कि 'यहाँ पर क्या पढ़ रहे हो,पढना है तो घर पे पढोगे तो ज्यादा फायदा करेगा,मैं जानता हूँ कि तुमने टिकट नहीं लिया है,कोई बात नहीं लेकिन कभी-कभी टिकट कटा भी लिया करो,मैं तो कुछ नहीं कहूँगा,लेकिन मेरी जगह कोई दूसरा होता तो जुर्माना भर देना पड़ता.'
एक बार तो हद हो गयी,मेरे एक और मित्र महोदय परीक्षा के सिलसिले में ही गोरखपुर जा रहे थे,और उन्होंने बाकायदा टिकट कटा रखा था,वैसे वो भी दिखने में छात्र ही लगते थे,और छात्र थे भी...तो जब वो जा रहे थे तब टिकट चेकर आये,उन्होंने तिच्कत दिखने को कहा और इन्होने टिकट दिखाया...टिकट देखकर और इनको देखकर टिकट चेकर बोल रहे हैं कि 'एकदम पागल ही हो,परीक्षा देने जा रहे हो,लोकल में जाना है और ८० रुपया का टिकट कटाए हो...अरे ८० रुपया में तुम दो बार भरपेट खाना खा लेते,परीक्षा देने जाते समय भी कोई टिकट कटाता है.इस तरह हमेशा टिकट कटाओगे,अभी बेरोजगार हो तो कैसे काम चलेगा.'
अब बताइए इस पर क्या कह सकते हैं.
रेलवे में बेटिकट यात्रा करना जुर्म तो अवश्य है,लेकिन कभी परिस्थितियां ऐसी आ जाती हैं,कि न चाहते हुए भी व्यक्ति ऐसा करने को मजबूर हो जाता है.

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